हमेशा के लिए नजरों से ओझल हो जाएगा चांद, फिर कभी नहीं आएगा नजर! चंद्रमा से जुड़े इन फैक्ट्स को जानकर रह जाओगे शॉक्ड

हमेशा के लिए नजरों से ओझल हो जाएगा चांद, फिर कभी नहीं आएगा नजर! चंद्रमा से जुड़े इन फैक्ट्स को जानकर रह जाओगे शॉक्ड
  • लैंडिंग के लिए तैयार चंद्रयान 3
  • चांद ग्रह नहीं बल्कि उपग्रह है
  • धरती के मुकाबले कम होता है गुरुत्वाकर्षण

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत के चंद्रयान-3 की चर्चा आज हर जगह हो रही है। इसरो का यह ड्रीम प्रोजेक्ट 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया था। अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा करके अब चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करने के लिए तैयार है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के मुताबिक चंद्रयान आज यानी 23 अगस्त की शाम को 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैडिंग करेगा। हाल ही में चंद्रयान के लैंडर ने चंद्रमा की कई अनदेखी तस्वीरें शेयर की थी। इस लेख में हम आपको चांद से जुड़े कुछ ऐसे ही राज बताने वाले हैं, जिनके बारे में जानकार आप अचंभे में पड़ जाएंगे।

चांद ग्रह नहीं बल्कि उपग्रह है

पृथ्वी, मंगल, बुध और सूर्य जैसे चंद्रमा कोई ग्रह नहीं है, बल्कि यह एक उपग्रह है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये पृथ्वी का इकलौते प्राकृतिक उपग्रह है। इसके निर्माण को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि लगभग 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थिया के बीच हुई भीषण टक्कर हुई थी, जिसके बाद दोनों के बचे मलबे से चंद्रमा का निर्माण हुआ था।

चांद पर वजन कम होता है या ज्यादा?

चांद पर इंसान का वजन काफी कम हो जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पृथ्वी के मुकाबले चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी कम होती है। जिस कारण चांद पर जाने के साथ इंसान का वजन धरती के मुकाबले करीब 17 फीसदी तक कम हो जाता है।

चांद की रोशनी का नींद पर पड़ता है असर

हाल ही में एक शोध सामने आया था कि चांद का इंसानों की नींद पर असर पड़ता है। शोध में बताया गया है कि पूर्णिमा के मुकाबले अमावस्या में लोग ज्यादा अच्छी नींद लेते हैं। हालांकि इस शोध को अभी मान्यता नहीं मिली है। उसकी वजह ये है कि अभी तक वैज्ञानिक आधार पर इस बात की पुष्टि कोई नहीं कर पाया है। इस बारे में अभी भी रिसर्च जारी है।

धीरे-धीरे गायब हो जाएगा चांद!

अभी केवल अमावस्या के समय ही हमें चंद्रमा का दीदार नहीं होता, लेकिन एक दिन ऐसा समय भी आएगा जब चंद्रमा हमेशा के लिए हमारी नजरों से ओझल हो जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा होने की वजह चांद और धरती के बीच साल-दर-साल बढ़ती दूरी है। बता दें कि हर वर्ष चांद धरती से 3.7 सेंटीमीटर दूर होता चला जा रहा है।

Created On :   23 Aug 2023 12:00 PM GMT

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